कोरोना वायरस बनी महामारी, जानें क्या होती है महामारी ?

कोरोना वायरस बनी महामारी, जानें क्या होती है महामारी ?

कोरोना वायरस ने भारत समेत विश्व के 123 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है । लेकिन भारत में कोरोना का हाल कैसा है, आइए जानते हैं -  

कोरोना महामारी होने के 4 चरण हैं - 

• प्रभावित देशों से आए मामले : भारत में कोरोना बाहरी देशों से आया है । कोरोना के पहले चरण में छींकें, खांसी के साथ थकान और सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।

स्थानीय प्रसारण : कोरोना का अगला चरण प्रसार यानी फैलाव है । जो लोग कोरोना पॉजीटिव हुए, वह जिन लोगों के संपर्क में आए, उन्होंने जिन लोगों से हाथ मिलाया, गले लगे, उन लोगों में पॉजीटिव केस पाया गया । उन लोगों को सूखी खांसी के साथ सीने में दर्द की शिकायत महसूस हुई । 

धीरे-धीरे फैलाव : कोरोना धीरे-धीरे एक बड़े क्षेत्र में फैल जाता है और उस निश्चित क्षेत्र में जितने लोग हैं उन्हें तेज़ बुखार के साथ सीने में दर्द और खांसी की शिकायत महसूस होती है। 

रोग बना महामारी : यह रोग पूरे शरीर पर फैलकर उसे निष्क्रिय बना देता है । थकान, बुखार, सरदर्द, खांसी के साथ सांस लेने में परेशानी का एहसास रोगी को होता है । इसके अलावा यह बहुत तेज़ी के साथ अपने लक्षण दिखाता है और मृत्यु के साथ महामारी के रुप में परिवर्तित हो जाता है। 

कोरोना से बचने के लिए किन सावधानियों को अपनाया जाना चाहिए 

अलग हो जाना या अलग करना : कोविद -19 के प्रकोप से प्रभावित देशों से आने वाले किसी भी व्यक्ति को लक्षणों की परवाह किए बिना 14 दिनों के लिए अलग रखा जा रहा है ।

संपर्कों की निगरानी रखना : यदि कोई व्यक्ति पॉजीटिव पाया गया है तो उस व्यक्ति और उसके संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति को निगरानी में रखा जा सकता है । यदि उनमें कुछ लक्षण दिखते हैं तो उनका परिक्षण किया जाता है और उन्हें अलग भी किया जाता है । 

भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें : अधिकतर राज्यों में स्कूल, सिनेमाहॉल बंद हैं या वे सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रहे हैं ।

जागरुकता : सार्वजनिक तौर पर हाथ की स्वच्छता और श्वसन(सांस संबंधी) शिष्टाचार  के बारे में लोगों को जागरुक किया जा रहा है । 

तैयारियां : बुनियादे ढांचे को बड़ा करना - परिक्षण सुविधा, आइसोलेशन बिस्तर और पॉजीटिव मामलों का तीव्र प्रबंधन - एक साथ जगह ले रहा है ।

तैयारी और परिक्षण क्षमता के पैमाने पर क्या कदम उठाए गए हैं

51 परिक्षण प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं ।

90 नमूनों की जांच प्रत्येक प्रयोगशाला दैनिक स्तर पर कर सकती है ।

दैनिक परिक्षण के लिए 4,590 समग्र क्षमता है । 

1.3% वर्तमान में उपयोग हुआ है । 

भारत में अभी तक परिक्षणों की संख्या और पॉजीटिव मामलों की दर कितनी है ? 

6 हजार 500 लोगों के परिक्षण किए गए हैं ।

पॉजीटिव केसों की संख्या 114 हो चुकी है । 

सकारात्मक(पॉजीटिव) मामलों के परिक्षण की वैश्विक दर किस देश में क्या है ?

यू.के में 0.2 % सकारात्मक दर है । 7 हजार 132 परिक्षण संपन्न हुए हैं जिनमें से 13 पॉजीटिव पाए गए हैं ।

ऑस्ट्रिया में 0.6 % सकारात्मक दर है । यहां 321 परिक्षण हुए जिनमें 2 पॉजीटिव पाए गए हैं और कुछ नतीजों का इंतज़ार है ।

भारत में 1.2 % सकारात्मक दर है । 113 पॉजीटिव केस पहचान में आए हैं । (सकारात्मक दर अधिक हो सकती है क्योंकि परिक्षण किए जा रहे मरीज़ या तो प्रभावित देशों वाले होते हैं या उनकी कोई संपर्क इतिहास यात्रा रही है)

फ्रांस में 2.2 % सकारात्मक दर है । 762 लोगों का परिक्षण किया जा चुका है जिनमें 17 पॉजीटिव केस मिले हैं और 179 के नतीजे आने का इंतज़ार है ।

यू.एस.ए में 3.1 % सकारात्मक दर है । 445 परिक्षण संपन्न हुए हैं जिसमें 14 केस पॉजीटिव मिले हैं । 

साउथ कोरिया में 4.2 % सकारात्मक दर है । 66 हजार 652 लोगों के परिक्षण किए गए हैं जिनमें से 1 हज़ार 766 केस पॉजीटिव पाए गए और 25 हजार 568 लोगों के नतीजों का इंतज़ार है ।

इटली में 5 % सकारात्मक दर है । 9 हजार 462 लोगों के परिक्षण हुए जिनमें 470 केस पॉजीटिव पाए गए और कुछ नतीजों का अभी इंतजार है ।

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