एक व्यक्ति को जीवन भर में कई शारीरिक समस्याएँ या बीमारी हो सकती है जो कि कुछ समय से लेकर जीवन भर तक साथ रह सकती है। कैंसर भी ऐसी एक बीमारी है जो कि एक बार हो जाए तो उसके बाद अंतिम समय तक व्यक्ति के साथ ही रहती है और रोगी के मृत्यु का कारण भी बनती है।लेकिन वर्तमान समय में विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि कैंसर को हराया जा सकता है, पर इसके लिए कैंसर की समय से पहचान करना जरूरी होता है। कैंसर के बारे में बात करें तो यह एक कई रोगों का समूह है जिसमे कोशिकाएं असाधारण रूप से बढ़ने लग जाती हैं। लगातार बढ़ती कोशिकाएं बढ़ कर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं जो कि मूलतः असाधारण रूप से बढ़ी हुई चर्बी की एक गांठ होती है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। इसमें प्रभावित कोशिकाएं विभाजित होती रहती हैं या फिर फैलने लगती है। इसके परिणामस्वरूप ट्यूमर बढ़ने लगता है या फिर कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है।
वैसे तो शरीर के किसी भी अंग में हुआ कैंसर जानलेवा होता है, लेकिन अगर बात करें मस्तिष्क कैंसर यानि ब्रेन कैंसर (BRAIN CANCER) कि तो यह काफी गंभीर होता है, क्योंकि इसकी वजह से पुरे शरीर पर सीधे नकारात्मक असर पड़ने लगता है। इसका दूसरा कारण यह भी है कि बाकी अंगों में होने वाले कैंसर की तुलना में ब्रेन कैंसर की पहचान काफी देर से होती है और जब तक इसकी पहचान हो पाती है तब तक रोगी की हालत काफी ज्यादा खराब हो चुकी होती है। लोगों को ब्रेन कैंसर के बारे में बहुत कम जानकारी है। कम जानकारी के कारण भी इस गंभीर रोग की पहचान कर पाना काफी मुश्किल होता है। आज इस लेख में हम आपको ब्रेन कैंसर से जुड़ी सारी जानकारी देने की कोशिश करेंगे।
जब मस्तिष्क में “मस्तिष्क कोशिकाओं” असामान्य वृधि हानिकारक रूप से होने लग जाए तो उसे ब्रेन कैंसर खा जाता है। असामान्य कोशिकाओं के समूह को ट्यूमर कहा जाता है। मस्तिष्क में होने वाले कुछ ट्यूमर सौम्य होते हैं और कुछ घातक भी होते हैं। ब्रेन ट्यूमर सीधे मस्तिष्क में भी हो सकते हैं या रीढ़ की हड्डी में बनकर मस्तिष्क में भी जा सकते हैं, दोनों ही स्थिति में ब्रेन कैंसर बनता है। ब्रेन ट्यूमर सौम्य हो या घातक दोनों को ही गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि मस्तिष्क केंद्रीय अंग है जो शरीर के अन्य अंगों और प्रणालियों को नियंत्रित करता है।
नेशनल ब्रेन ट्यूमर सोसाइटी के अनुसार और 2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अधिकारिक बयान के अनुसार ब्रेन ट्यूमर 120 से अधिक विभिन्न प्रकार के होते हैं। कुछ ब्रेन ट्यूमर घातक होते हैं और तेजी से बढ़ सकते हैं – जैसे कि ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफॉर्म। अन्य प्रकार के ब्रेन ट्यूमर, धीमी गति से बढ़ने वाले होते हैं और सौम्य हो सकते हैं – जैसे कि मेनिंगियोमा ।
प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं में बनते हैं और उन्हें कोशिका के प्रकार या मस्तिष्क में जहाँ वह बने हैं उसके आधार पर अलग-अलग वर्गीकृत किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, एस्ट्रोसाइटोमास एस्ट्रोसाइट्स नामक तारे के आकार की कोशिकाओं में बनते हैं। पिट्यूटरी ट्यूमर मस्तिष्क के नीचे पिट्यूटरी ग्रंथि में पाए जाते हैं। सबसे आम प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर को ग्लिओमास कहा जाता है, जो ग्लियाल (सहायक) ऊतक में उत्पन्न होता है। सभी प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर और अन्य तंत्रिका तंत्र ट्यूमर का लगभग एक तिहाई ग्लियाल कोशिकाओं से बनता है। आमतौर पर निम्नलिखित ब्रेन कैंसर सामान्य रूप से देखे जाते हैं :-
व्यक्ति को कौन-सा ब्रेन कैंसर हुआ है, ब्रेन कैंसर कितना गंभीर है, ट्यूमर का आकर कितना है और ट्यूमर कहाँ हुआ हैं – इन सभी तथ्यों के अनुसार व्यक्ति को ब्रेन कैंसर के अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं। हर ब्रेन कैंसर रोगी के लक्षण दुसरे कैंसर रोगी से भिन्न हो सकते हैं। मूलतः ब्रेन कैंसर होने पर रोगी निम्नलिखित लक्षणों को अनुभव कर सकता है :-
ब्रेन कैंसर के लक्षण सामान्य या गंभीर दोनों हो सकते हैं। इनकी पहचान होते ही डॉक्टर से बात करें।
यदि आप उपरोक्त बताए गये लक्षणों को महसूस करते हैं तो आप सबसे पहले इस बारे में डॉक्टर से बात करें और आप अपने डॉक्टर की सलाह से निम्नलिखित जांचों की मदद से ब्रेन कैंसर की पहचान कर सकते हैं :-
इन सभी जांचों के आलवा डॉक्टर और भी कई जांच करवाने की सलाह दे सकते हैं।
किसी भी कैंसर का उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर निम्नलिखित बातों पर ध्यान देते हैं और उसके बाद उपचार शुरू किया जाता है
इन कुछ बातों का ध्यान रखने के बाद ब्रेन कैंसर रोगी को निम्नलिखित उपचार दिया जा सकता है :-
ब्रेन कैंसर की पहचान होने पर अगर इसका उपचार समय से और ठीक से लिया जाए रोगी जल्द ठीक हो सकते हैं।
Recipient of Padma Shri, Vishwa Hindi Samman, National Science Communication Award and Dr B C Roy National Award, Dr Aggarwal is a physician, cardiologist, spiritual writer and motivational speaker. He was the Past President of the Indian Medical Association and President of Heart Care Foundation of India. He was also the Editor in Chief of the IJCP Group, Medtalks and eMediNexus
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