स्तंभन दोष का अर्थ क्या है? क्या स्तंभन दोष का मुख्य कारण है?

स्तंभन दोष का अर्थ क्या है? क्या स्तंभन दोष का मुख्य कारण है?

आजकल की व्यस्त और अस्वस्थ जीवनशैली के चलते स्तंभन यानि नपुंसकता पुरुषों में बढ़ती जा रही है । ऐसा नहीं है कि यह समस्या महिलाओं में नहीं होती, परंतु पुरुषों के मुकाबले इसकी बहुत कम है । आज वीर्य का कम होना या न बनना पुरुषों की प्रमुख समस्याओं में से एक है ।

एनसीबीआई द्वारा किए गए 606 लोगों के एक सर्वे में यह बात निकलकर आई है कि उनमें से 30 से 40 साल की उम्र के 249 लोग नपुंसकता की समस्या से गुजर रहे हैं यानि लगभग 41 प्रतिशत ।

स्तंभन दोष का अर्थ क्या है?

सेक्स करने के लिए पुरुष जब स्वंय को पूरी तरह तैयार नहीं कर पाता यानि उसका वीर्य निकलने में परेशानी होती है या नहीं निकलता, तो उसे ही स्तंभन दोष कहते हैं । ऐसा नहीं है कि कभी-कभी अगर वीर्य यानि स्पर्म के निकलने में देर या परेशानी हो रही है तो उसे यह रोग है, ऐसा कभी-कभी हो जाता है परंतु यदि यदि हमेशा ही लगातार ऐसा हो रहा है तो फिर यह चिंता वाली बात है । 

स्पर्म का न निकलना, बहुत देर में निकलना और कम निकलना व्यक्ति के लिए तनाव, आत्मविश्वास की कमी और रिश्तों में कड़वाहट भर सकता है। यही नहीं वीर्य का न बनना या न निकलना किसी शारीरिक कमज़ोरी या गंभीर शारीरिक स्थिति की ओर संकेत भी करता है, जिसपर ध्यान देते हुए  फौरन इलाज करवाना चाहिए।


कैसे पता चले कि मैं इससे पीड़ित हूं?

इस रोग में ऐसा नहीं है कि आपको कुछ विचित्र लक्षण महसूस होंगे परंतु हां, दो-तीन लक्षण ऐसे हैं जिनसे आप इस समस्या को पहचान सकते हैं । जैसे – शरीर में लंबे समय तक आलस और कमज़ोरी महसूस होना, लिंग का अधिक समय तक टाइट न हो पाना और आखिरी यही कि स्पर्म निकलने में समस्या होना । 

एक सच यह भी है कि यदि किसी में नपुंसकता के लक्षण हैं तो वह इस बात को बताने में जिझक अवश्य महसूस करेगा परंतु, यदि आपको यह समस्या है तो आपको किसी सैक्सोलॉजिस्ट या डॉक्टर से कंसल्ट अवश्य करना है । डॉक्टर आपकी समस्या समझकर इलाज को सही दिशा देगा और जांच या टेस्ट के लिए भी परामर्श दे सकता है । 


इसके क्या कारण हैं ?

इस रोग के होने के शारीरिक और मानसिक, दोनों कारण हो सकते हैं । 

शारीरिक कारणों में शामिल हैं :
  1. लिंग कीरक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाने पर भी यह समस्या होती है, जिसका कारण हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज हो सकता है।
  2. हॉर्मोन में गड़बड़ी या किसी प्रकार की समस्या होना।
  3. सर्जरी के कारण या चोट के दुष्प्रभाव के कारण ।

मानसिक कारणों में शामिल है :
  1. चिंता
  2. डिप्रेशन

स्तंभन दोष से बचाव कैसे करें ?

स्वंय डॉक्टर न बनें, खुद का न करें इलाज :
यह एक अलग विषय है परंतु स्वास्थय के विषय से जुड़ा हुआ है । भारत में लोगों की मानसिकता स्वंय का इलाज करने की रही है । रोग से पीड़ित होने पर डॉक्टर के पास न जाना, घरेलू नुस्खे अपनाना और ढिलाई देना एक आम बात है । लोग इस समस्या से निपटने के लिए टीवी एड या छाड़-फूंक पर विश्वास करके अपना इलाज करवाते हैं लेकिन ऐसा बार-बार देखा गया है कि वह विफल और हताश ही होते हैं । 
इस समस्या में किसी भी गलत दवाई का प्रयोग आपको भारी पड़ सकता है यानि हमेशा के लिए नपुंसक बना सकता है ।आपके लिए सही यही है कि सबसे पहले इस विषय को लेकर किसी डॉक्टर से परामर्श करें ।

मोटापे या पेट को बढ़ने न दें:
डॉक्टरों का कहना है कि नपुंसकता के हमने जितने भी मामले देखें है, उसमें एक बात यह भी निकलकर आई है कि जिन पुरुषों की कमर 38 इंच से अधिक है, उन लोगों में नपुंसकता होने की अधिक संभावना होती है ।जिन लोगों में मोटापा है या जिनका पेट का आकार बहुत बड़ा है, उनके जीवन में नीरसता के अतिरिक्त कुछ नहीं है । 

धूम्रपान, शराब या नशे का सेवन :
नशीले पदार्थ जैसे –धूम्रपान, शराब, गांजा या ऐसे किसी भी पदार्थ के सेवन से भी यह समस्या होती है और अब यह इस समस्या का एक बहुत बड़ा कारण बन चुका है और इसका साइंटिफिक कारण है । नशीली चीजेंरक्त वाहिकाओं को प्रभावित करके नुकसान पहुंचाती है और रक्त वाहिकाएं अपना कार्य करने में असमर्थ हो जाती हैं । यहां तक कि यह शरीर में रक्त के बहाव को भी प्रभावित करता है ।

हर प्रकार के तनाव से मुक्त रहें :
तनाव, चिंता, डिप्रेशन या कोई और मानिसक रोगशरीर के यौन यानि सैक्स हॉर्मोन पर गलत असर डालते हैं और इसका उदाहरण यह देखा गया है कि आज व्यक्ति जीवन में सफल होते-होते तकरीबन 40 साल का हो जाता है परंतु वह अपने जीवन में इतना तनाव ले चुका होता है जिससे अब उसके यौन हॉर्मोन प्रभावित हो चुके हैं और उसे यह समस्या हो रही है और अब वह चरम सुख की प्राप्ति या वीर्यपतन नहीं कर पा रहा । 

कौन से रोग हैं स्तंभन दोष का कारण ?

दिल का रोग
आज दिल की बीमारी होना बहुत आम हो गई है । हाल ही में किए एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि भारत में 35 प्रतिशत लोगों को आने वाला हार्ट अटैक सिर्फ 35 वर्ष की आयु में आ रहा है । यह रोग आपके सेक्स संबंध बिगाड़ सकती है। यह नपुंसकता का एक बड़ा कारण है।

डायबिटीज़
अगर कोई ऐसा रोग है जो बहुत तेजी से बड़ा है तो वह है – डायबिटीज़ । आज बूढ़ों से लेकर 20 और 30 साल के युवाओं को भी डायबिटीज़ है । डायबिटीज के कारण शरीर की रक्त वाहिकाओं और नव्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो वीर्यहीनता का कारण बनता है।

आयु से पहले ही उत्तेजना में कमी
यह तो एक सामान्य सी प्रकिया है कि जैसे-जैसे व्यक्ति की आयु बढ़ती है, वैसे-वैसे वह अपनी शारीरिक क्षमताएं खोने लगता है । परंतु यदि यह समय से पहले ही हो जाए तो यह ठीक नहीं है । आजकल पुरुषों में यह लक्षण आम है कि उनमें उत्तेजना की कमी हो गई है । पुरुष थोड़ा बहुत उत्तेजित हो रहे हैं या बिल्कुल भी नहीं । उम्र के पहले ही उनमें सेक्स की रुचि खत्म हो रही है ।

निष्कर्ष :
यह एक ऐसा रोग है जो यदि आपकी भी समस्या बना हुआ है तो न तो इसे हल्के में लें और न ही किसी प्रकार की झिझक ही महसूस करें । जितनी जल्दी हो सके, किसी मान्यता प्राप्त सेक्सोलॉजिस्ट या चिकित्सक से कंसल्ट करें । यदि आपने इसका सही समय पर इलाज नहीं कराया तो यह आगे चलकर आपके तनाव या डिप्रेशन का बड़ा कारण हो सकता है और उस समय अपने मानसिक स्तर को संभालना आपके लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा । 
 

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Dr. KK Aggarwal

Recipient of Padma Shri, Vishwa Hindi Samman, National Science Communication Award and Dr B C Roy National Award, Dr Aggarwal is a physician, cardiologist, spiritual writer and motivational speaker. He was the Past President of the Indian Medical Association and President of Heart Care Foundation of India. He was also the Editor in Chief of the IJCP Group, Medtalks and eMediNexus

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