टीबी के जोखिम कारक और जटिलताएँ क्या है? और कैसे करें बचाव?| TB Risk Factors, Complications and Prevention in Hindi

टीबी के जोखिम कारक और जटिलताएँ क्या है? और कैसे करें बचाव?| TB Risk Factors, Complications and Prevention in Hindi

ट्यूबरकुलोसिस, टीबी, तपेदिक या यक्ष्मा एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से रोगी को कई गंभीर स्थितियों से जूझना पड़ता है, जिसमें शारीरिक, मानसिक और सामाजिक समस्याएँ समस्याएँ शामिल है। टीबी की गंभीरता को देखते हुए इससे बचाव के हर संभव उपाय को अपनाना चाहिए। इस लेख में टीबी यानि यक्ष्मा से बचाव के उपाय बताए गये हैं, जिनकी मदद से आप इस रोग से अपना बचाव कर सकते हैं। इसके साथ ही लेख में टीबी से जुड़े जोखिम कारक और जटिलताओं के बारे में भी जानकारी दी है। 

टीबी के जोखिम कारक क्या है? What are the risk factors for TB?

किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में टीबी हो सकती है, लेकिन कुछ कारक टीबी होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं :-

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (Weakened immune system)

एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली अक्सर टीबी बैक्टीरिया से सफलतापूर्वक लड़ती है। हालांकि, कई स्थितियां और दवाएं आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं :-

  1. मधुमेह (diabetes)

  2. एचआईवी/एड्स

  3. किडनी की गंभीर बीमारी (Kidney)

  4. कुछ कैंसर

  5. कैंसर का इलाज, जैसे कीमोथैरेपी (Chemotherapy)

  6. ट्रांसप्लांट अंगों की अस्वीकृति को रोकने के लिए दवाएं

  7. रुमेटीइड गठिया, क्रोहन रोग और सोरायसिस के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएं

  8. कुपोषण (malnutrition) या कम शरीर का वजन 

  9. बहुत छोटी या उन्नत उम्र

कुछ क्षेत्रों में यात्रा करना या रहना (Traveling or living in certain areas)

यदि आप उच्च टीबी दर वाले क्षेत्रों में रहते हैं, प्रवास करते हैं या यात्रा करते हैं तो आपको टीबी होने का खतरा अधिक होता है। इन क्षेत्रों में निम्नलिखित शामिल हैं :-

  1. अफ्रीका

  2. एशिया

  3. पूर्वी यूरोप

  4. रूस

  5. लैटिन अमेरिका

अन्य कारक (Other factors)

  1. पदार्थों का उपयोग करना (Using substances) :- IV ड्रग्स या अत्यधिक शराब का सेवन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और आपको टीबी के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है।

  2. तम्बाकू का प्रयोग करना (Using tobacco) :- तंबाकू के सेवन से टीबी होने का खतरा ज्यादा रहता है और साथ ही इसकी वजह से जान जाने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।

  3. स्वास्थ्य देखभाल में काम करना (Working in health care) :- बीमार लोगों के साथ नियमित संपर्क से आपके टीबी बैक्टीरिया के संपर्क में आने की संभावना बढ़ जाती है, खासकर अगर आप टीबी रोगियों का इलाज करते हैं तो। ऐसे में मास्क पहनना और बार-बार हाथ धोना आपके जोखिम को बहुत कम करता है।

  4. आवासीय देखभाल सुविधा में रहना या काम करना (Living or working in a residential care facility) :- जो लोग जेलों, बेघर आश्रयों, मनोरोग अस्पतालों या नर्सिंग होम में रहते हैं या काम करते हैं, उनमें भीड़भाड़ और खराब वेंटिलेशन के कारण तपेदिक यानि टीबी का अधिक खतरा सामान्य से अधिक होता है।

  5. टीबी से संक्रमित व्यक्ति के साथ रहना (Living with someone infected with TB) :- किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रहता है जिसे टीबी है, आपके जोखिम को बढ़ाता है। 

टीबी से क्या जटिलताएँ हो सकती है? What are the complications of TB? 

टीबी होने पर रोगी को निम्न वर्णित गंभीर जटिलताएँ होने की आशंका बनी रहती है :-

  1. रीढ़ की हड्डी में दर्द (Spinal pain) :- टीबी होने पर पीठ दर्द और जकड़न सामान्य जटिलताएँ हैं।

  2. जोड़ो में क्षति (Joint damage) :- टीबी होने पर रोगी लको गठिया (tuberculous arthritis) होने की आशंका होती है जो कि आमतौर पर कूल्हों और घुटनों को प्रभावित करता है।

  3. मस्तिष्क को ढकने वाली झिल्लियों की सूजन (मेनिन्जाइटिस) (Swelling of the membranes that cover brain (meningitis) :- यह एक स्थायी या आंतरायिक सिरदर्द (intermittent headache) का कारण बन सकता है जो हफ्तों तक होता है और इसकी वजह से रोगी में संभावित मानसिक परिवर्तन होते हैं।

  4. लीवर या किडनी की समस्या (Liver or kidney problems) :- लीवर और किडनी रक्त को शुद्ध कर उसमें मौजूद अपशिष्ट उत्पादों को फ़िल्टर करते हैं। लेकिन टीबी होने पर विभिन्न कारणों के चलते इन दोनों अंगों की कार्यक्षमता में समय के साथ कमी आने लगती है  जिसकी वजह से लीवर और किडनी से जुड़ी समस्याएँ होनी शुरू हो सकती है।

  5. हृदय विकार (Heart disorders) :- वैसे, टीबी होने पर दिल से जुड़ी समस्याएँ होने की आशंका काफी कम होती है। लेकिन टीबी का गंभीर रूप रोगी के दिल के आस-पास के ऊतकों को संक्रमित कर सकता है, जिससे सूजन और द्रव संग्रह (fluid collections) की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से रोगी के दिल की पंप करने की क्षमता में समस्या आ सकती है, जिसे कार्डियक टैम्पोनैड (cardiac tamponade) कहा जाता है। 

उपचार के बिना, टीबी घातक हो सकता है। अनुपचारित सक्रिय टीबी रोग (untreated active TB disease) आमतौर पर रोगी के फेफड़ों को प्रभावित करता है। इतना ही नहीं, अगर टीबी का उपचार ठीक से न किया जाए तो यह पहले के मुकाबले और भी ज्यादा गंभीर हो सकता है जिसकी वजह से जान का भी खतरा बना रहता है। 

टीबी से बचाव कैसे किया जा सकता है? How can TB be prevented? 

आपको बता दें कि टीबी आसानी से फैलने वाला रोग नहीं है। इसके फैलने की आशंका केवल उन्हीं लोगों में ज्यादा होती है जो लंबे समय से किसी टीबी संक्रमित के संपर्क में रहे हो। यदि आप लंबे समय से किसी टीबी संक्रमित के संपर्क में हैं तो आप निम्नलिखित कुछ उपायों की मदद से अपना बचाव कर सकते हैं :- 

  1. अपने हाथों को अच्छी तरह से और बार-बार धोना।

  2. खांसते समय अपनी कोहनी की मदद से मुह को ढकना।

  3. अन्य लोगों के साथ निकट संपर्क में आने से बचना।

  4. हो सकता है कि डॉक्टर रोगी के साथ आपको भी दवाएं दें, तो ऐसे में सही से दवाएं जरूर लें।

  5. जब तक डॉक्टर सलाह न दें अपने काम, स्कूल या कॉलेज जाने से बचे ताकि टीबी का प्रसार न हो।

यदि आपको इस दौरान कोई अन्य शारीरिक समस्या होती है तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। दवाओं के साथ-साथ आपको अपने आहार का भी खास ख्याल रखना चाहिए ताकि आपकी तोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहें।

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Mr. Ravi Nirwal

Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.

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