अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (Jawaharlal Nehru Medical College) में मानक के अनुरूप सुविधाएं नहीं देने पर कॉलेज की मान्यता जा सकती है। दरअसल, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (National Medical Commission) के मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (Medical Assessment and Rating Board) ने पत्र भेजकर 3 महीने में कमियों को दूर करने की चेतावनी दी है। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज मैं कई तरह की शिकायतें आ चुकी हैं। एएमयू के पढ़ने वाले छात्रा और सामाजिक कार्यकर्ता राजा भैया ने नेशनल मेडिकल कमिशन को पत्र लिखकर कमियों से अवगत कराया था कि मरीज यहां आकर प्रताड़ित होता है और उन्हें वो सुविधाएँ नहीं मिलती जिनके वो हकदार हैं।
लिखित शिकायत मिलने के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को चेतावनी भरा पत्र लिखा है,और मेडिकल में सुधार के लिए कहा है। शिकायत पत्र में कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज के डीन और प्रिंसिपल जो पद के लिए योग्य नहीं थे उन्हें पोस्ट दे दी गई। इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में कुलपति ने यह गलती कैसे की? वही ब्लड बैंक का लाइसेंस मार्च 2022 में एक्सपायर हो चुका है। लेकिन मेडिकल प्रशासन रिन्यू नहीं करवा पाया है। ब्लड बैंक बदस्तूर चल रहा है। मेडिकल कॉलेज में 15 आईसीयू बेड होने चाहिए, लेकिन केवल 10 आईसीयू बेड है। सामाजिक कार्यकर्ता राजा भैया ने कहां है कि मेडिकल कॉलेज में केवल उन्हीं को जिम्मेदारी दी गई है जो एएमयू कुलपति तारिक मंसूर के नजदीकी है।
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