पैर में दर्द का कारण और उपचार| Leg Pain in Hindi

पैर में दर्द का कारण और उपचार| Leg Pain in Hindi

पैरों में दर्द होना वैसे तो आम बात है परंतु अगर यह दर्द लंबे समय तक रहता है तो यह चिंता की बात है । आज पैरों में दर्द होना एक आम समस्या बन गई है । पहले पैरों में दर्द होने का मुख्य कारण बढ़ती उम्र थी, लेकिन अब यह दर्द जवान लोगों और बच्चों में भी दिख रहा है । यूं तो पैरों में दर्द होने के कईं कारण हो सकते हैं परंतु कुछ कारण ऐसे हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए और यदि लक्षण दिखें तो उनकी पहचान करें और फौरन किसी डॉक्टर को दिखाएं ।

क्या हैं कारण

यूं तो पैरों में दर्द होने के कईं कारण हो सकते हैं लेकिन अगर दर्द गंभीर या लंबे समय तक है तो उसके कुछ मुख्य कारण हैं -

मांसपेशियों में खिंचाव

कभी-कभी एक्सरसाइज करने , दौड़ने, सीढ़ियां चढ़ने-उतरने या किसी काम को करते-करते मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है और यही खिंचाव अगर जल्दी ठीक न किया जाए तो जीवनभर का दर्द बन जाता है । इसलिए यदि मांसपेशियों में खिंचाव महसूस हो तो फौरन डॉक्टर से कंसल्ट करें ।

टिश्यू की कमज़ोरी

यदि घुटनों से लेकर पैर के निचले हिस्से के किसी टिश्यू पर किसी प्रकार का वजन या भार पड़ता है तो टिश्यू के कमज़ोर हो जाने की संभावना बनी रहती है और फिर पैरों में सूजन आने लगती है जो धीरे-धीरे पैरों में दर्द का अनुभव करवाती हैं । 

जूते-सैंडल सही चुनें

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका की रिसर्च ऐजेंसी द्वारा किए एक सर्वे में यह बात निकलकर आयी है कि आज पैरों में दर्द होने का एक अहम कारण जूते और सैंडल का सही तरीके से चयन न करना है । लोग फैशन के चक्कर में ऐसे जूते और सैंडल पहन लेते हैं जो आरामदायक नहीं होते और महिलाओं में सैंडल की हील इतने अलग प्रकार की होती है कि उन्हें उसे पहनकर चलने में दिक्कत होती है और यही दिक्कत आगे चलकर पैरों में दर्द की वजह बनती है, क्योंकि इनसे पैर के तलवों और हड्डियों में गांठ बनने का खतरा रहता है । 

गठिया 

गठिया यूं तो बूढ़ापे और बढ़ती उम्र की समस्या है, लेकिन अब यह दिक्कत जवान लोगों में भी देखने को मिल रही है । यदि पैरों में बार-बार अकड़न महसूस हो रही है, तो यह गंभीर आर्थराइटिस हो सकता है और कुछ समय बाद गठिया को जन्म दे सकता है ।

वेर्रुकास 

यदि पैर के तलवों में छोटी-छोटी गांठे बनने लगे तो इसे वेर्रुकास कहते हैं । यह समस्या होने पर खड़े होने और चलते समय पैरों में दिक्कत महसूस होती है । 

इडिमा 

जब पैरों में सूजन के साथ भारीपन हो और साथ में दर्द का अनुभव हो तो यह दर्द इडिमा कहलाता है । 

वजन कंट्रोल में रखें

जितना वजन अधिक होगा, पैरों में दर्द होने की संभावना उतनी अधिक रहेगी,क्योंकि शरीर का पूरा वजन पैरों पर आता है । इसलिए ध्यान रहे वजन को नियंत्रित करके रखें और उसे बढ़ने न दें । 

लक्षण क्या हैं ?

पैरों के दर्द को पहचानना बहुत आवश्यक है और इसके लिए आपको इसके लक्षणों की पहचान होनी चाहिए -

पैरों में अचानक दर्द महसूस हो जो फिर बढ़ जाए ।

किसी तरह की चोट के कारण होने वाला दर्द ।

पैर के निचले हिस्से में गांठ महसूस होना ।

पैर में सूजन या भारीपन का अनुभव होना । 

मांसपेशियों में खिंचाव आने पर होने वाला दर्द ।

बचाव क्या हैं ?

पैरों के दर्द के इलाज से बेहतर है पैरों का रखरखाव और उनकी रोकथाम करना, इसलिए कुछ बातों का ध्यान अगर पहले ही रख लिया जाए तो बेहतर है ।

याद रहे पैरों में हमेशा गद्देदार मोटे सोल वाले जूते, चप्पल या सैंडल पहनें ।

महिलाओं को इस बात का विशेष ख्याल रखना है कि ऊंची हील की सैंडल न पहनें।

वजन कंट्रोल में रखें । याद रखिए जितना वजन अधिक होगा, पैरों में दर्द होने की उतनी संभावना रहेगी । 

यदि आप एक्सरसाइज़ या कुछ वजन उठाने वाला काम कर रहे हैं तो पहले थोड़ा वार्म-अप या स्ट्रेचिंग अवश्य करें ।

जहां स्वच्छता है वहीं स्वास्थ्य है इसलिए पैरों की स्वच्छता का खास ख्याल रखें । 

इलाज क्या है ?

पैर दर्द होने पर इलाज के कईं तरीके हैं । लेकिन हमारी कोशिश होनी चाहिए कि पैरों में दर्द होने पर बाहरी इलाज करने के बजाय कुछ ऐसे तरीके अपनाएं जाएं तो इलाज से बेहतर हैं - 

अगर पैर में होने वाला दर्द किसी अंदरुनी चोट की वजह है तो उस प्रभावित हिस्से में शुरु के दिनों में बर्फ से सिकाई करें ।

अगर चोट को 4-5 दिन से अधिक हो गए हैं और दर्द बना हुआ है तो गर्म पानी से सिकाई करें ।

पैर के दर्द वाले हिस्से को किसी भी तरह की चोट से बचाने के लिए फुट पैड का इस्तेमाल करें ।

जिस पैर में दर्द(leg pain) है, कोशिश करें कि उसपर हमेशा दबाव कम रहे और किसी प्रकार का प्रैशर न पढ़े ।

जितना हो सके बैड रेस्ट करें और पैर को आराम दें । 

अपनी इच्छा से कोई पेनकीलर न लें ।

दूध में हल्दी डालकर पी सकते हैं, यह एक सुरक्षित और आजमाया हुआ तरीका है । 

इलाज के और भी हैं विकल्प

पैर दर्द जब तक सामान्य है, तब तक उसका अगर इलाज हो जाए तो बहुत बेहतर है क्योंकि यदि एक बार मामला गंभीर हो जाए तो फिर चीजें आपके हाथ में नहीं रहती । दर्द निवारक दवाएं, समय-समय खान-पान में परहेज़ और फिर सर्जरी एकमात्र विकल्प रह जाती है । यह सभी तरीके न तो सुरक्षित हैं और न ही लंबे समय के लिए असरदार । इस बात की कोई गारंटी नहीं कि इन विकल्पों को आज़माने के बाद पैर का दर्द हमेशा के लिए चला ही जाए । 

निष्कर्ष 

पैरों का दर्द कईं कारणों से हो सकता है इसलिए हमें हमेशा सचेत रहना चाहिए । खान-पान से लेकर दिनभर की जाने वाली गतिविधि को लेकर हमेशा जागरुक रहना चाहिए । अपने वजन को लेकर खास ख्याल रखना है और इसके अलावा यही कोशिश करनी है कि दर्द को गंभीर न होने दिया जाए । 


Logo

Medtalks is India's fastest growing Healthcare Learning and Patient Education Platform designed and developed to help doctors and other medical professionals to cater educational and training needs and to discover, discuss and learn the latest and best practices across 100+ medical specialties. Also find India Healthcare Latest Health News & Updates on the India Healthcare at Medtalks