प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए एक विशेष समय होता है । यह वह समय होता है जब महिला के शरीर के साथ-साथ उसके मन और मस्तिष्क में कईं तरह के बदलाव एक साथ होते हैं । ऐसे में यह स्थिति विशेष होने के साथ-साथ बहुत नाज़ुक भी होती है, इसलिए खास ध्यान रखने की भी आवश्यकता है ।
अगर आप गर्भवती हैं, तो आपके दिमाग में बहुत सारे सवाल चल रहे होंगे कि आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए और इसके लिए हम आपको कुछ बेहतर टिप्स दे रहे हैं –
• प्रेग्नेंसी की पुष्टि के बाद सबसे पहले डॉक्टर से पहला सुझाव या परामर्श लें ।
• भ्रूण के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए जन्म से पहले कुछ अलग-अलग टेस्ट द्वारा जांच की जानी चाहिए ।
• अपनी ज़रुरी जाँचे करवाएं ।
• भोजन को तरल पदार्थ के रुप में लेना शुरू करें ।
• एक बार जब आप प्रेग्नेंसी के तीन महीने पूरे कर लें, तो परिवार और दोस्तों को खुशखबरी सुनाने की योजना बनाएं ।
• थकावट, सुबह महसूस होने वाली कमज़ोरी यदि हो तो उससे निपटने के लिए अपने काम का समय को कम करें ।
• मॉर्निंग सिकनेस या सुबह महसूस होने वाली कमज़ोरी पहली तिमाही के अंत में या अधिकतर 16 वें हफ्ते तक गायब हो जाती है ।
• अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए प्रसवपूर्व विटामिन लेना शुरू करें ।
• यात्रा करते समय अपनी पीठ के निचले हिस्से का विशेष ध्यान रखें ।
• ऊबड़-खाबड़ रास्तों से बचें ।
• पीठ के निचले हिस्से में दिक्कतें आना आम हैं जिन्हें आप बार-बार झपकी लेने से कम कर सकते हैं ।
• हेल्दी डाइट यानि स्वस्थ आहार फॉलो करें ।
• ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने के लिए अपनी नियमित सैर से शुरुआत करें ।
• यदि आप किसी असामान्य बदलाव महसूस करते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें ।
• अपनी आने वाली अपॉइंटमेंट के बारे में अपने डॉक्टर से चर्चा करें ।
• आपको डॉक्टर द्वारा 18 से 20 वें हफ्ते के बीच होने वाले एनोमली स्कैन के लिए सलाह दी जाएगी ।
• जन्म से पूर्व होने वाले व्यायाम सेमिनारों का पता लगाएं । कई महिलाओं को पता चलता है कि प्रसव से पूर्व व्यायाम सेमिनार दूसरी गर्भवती महिलाओं के साथ रिश्ता बनाने और उनका साथ पाने का एक बेहतर तरीका है ।
• डॉक्टर की सलाह पर अपने शुगर लेवल की जांच करवाएं और गर्भावधि तक हर तरीके से डायबिटीज़ को नियंत्रण में रखें ।
• यदि आपको जीडीएम (जेस्टेशनल डायबिटीज मिलिटस) मना किया जाता है, तो इसे नियंत्रण में रखने के लिए एक न्यूट्रीनिस्ट से मिलें ।
• आरामदायक मैटरनिटी कपड़ों की खरीदारी शुरू करें ।
• लाइव म्यूजिक कॉन्सर्ट, मूवी आदि में भाग लेकर सप्ताह के अंत में आराम करने की कोशिश करें ।
• खुजली को कम करने के लिए अपने पेट को मॉइस्चराइज करना शुरू करें ।
• अपनी पीठ के बल लेटने से बचें ।
• डॉक्टरों से बात करें कि नाराज़गी, पैर में ऐंठन, बेचैनी, पीठ में दर्द और नींद की स्थिति का सामना कैसे करें ।
• प्रेग्नेंसी के दौरान दांतों की देखभाल भी जरूरी है ।
• तीसरी तिमाही अक्सर थकान लाती है इसलिए अब आपके बच्चे के जन्म से पहले कहीं घूम के आने का सही समय होता है (डॉक्टर से उचित सलाह और देखभाल के साथ) ।
• इस तीसरे हफ्ते की तीमाही में, प्रसव के सभी विकल्पों के बारे में जाना जाता है, जैसे - दवा मुक्त योनि प्रसव, दर्द से राहत के साथ योनि प्रसव और सिजेरियन सेक्शन ।
• अस्पताल या बर्थिंग सेंटर के लिए एक बैग पैक करें ।
• प्रोलैक्टिन की वजह से आपको पहली तिमाही में जिस तरह से झपकी आई, उसे महसूस करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है ।
• अस्पताल (नर्सिंग ब्रा, नाइटगाउन, बेबी कपड़े, और कार की सीट) और घर पर (डायपर, पोंछे आदि) के लिए आपको इन वस्तुओं की खरीदारी शुरू करनी चाहिए ।
• कॉर्ड ब्लड स्टोरेज के बारे में जानना यहां अहम हो जाता है ।
• यदि आप अचानक अनुभव करते हैं कि हफ्ते में पांच पाउंड से अधिक तेजी से वजन बढ़ जाता है, सिरदर्द के साथ या बिना चेहरे और हाथ में सूजन आ रही है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें ।
• दिन के अंत में समय निकालकर स्नान करें ।
• यदि आपको आराम करने और अच्छी नींद लेने की आवश्यकता महसूस हो, तो हफ्ते के अंत में सब काम छोड़कर नींद पूरी करें ।
• प्रेग्नेंसी के दौरान विशेष रूप से हाइड्रेटेड रहना बहुत महत्वपूर्ण है ।
• जैसे-जैसे आपका शिशु बढ़ता रहता है, आपके अंग सिकुड़ जाते हैं और ऊपर की ओर खिंच जाते हैं, जिससे हार्टबर्न और एसिड रिफ्लक्स के लक्षण बहुत मजबूत हो जाते हैं । इससे निपटने के लिए, दिन के दौरान कई बार थोड़ा-थोड़ा भोजन खाने की कोशिश करें ।
• यदि आप एक सुरक्षित और आसान डिलीवरी की उम्मीद कर रहे हैं या आप डिलीवरी की पूरी प्रक्रिया के बारे में कुछ शंका में हैं, तो बर्थ क्लास लेना बेहतर होगा ।
• यह एक बेहद खास समय होता है और यह इसमें सभी ज़रुरी डॉक्यूमेंटेशन हो जाने चाहिए ।
डॉक्टर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान इन सभी बातों का पालन करने की सलाह देते हैं ताकि आपकी प्रेग्नेंसी पूरी तरह से सुरक्षित और आनंदमय हो सके ।
आज प्रेग्नेंसी सिर्फ शिशु को जन्म देने की बात नहीं रह गयी है बल्कि आज इसे एक उत्सव की तरह मनाया जाता है । महिला के पहले महिने से लेकर नौ महिने और उसके बाद के समय को यादगार बनाने का पूरा प्रयास किया जाता है । ऐसे में बहुत ज़रुरी हो जाता है कि महिला स्वंय के और अपने शिशु के स्वास्थ्य को लेकर सजग रहे ताकि प्रसव से पहले और बाद में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो ।
Girish is Hindi Content Writer and formal writer at IJCP.
Please login to comment on this article