अपने साथी के साथ यौन संबंध स्थापित करने के दौरान यदि आपको कम इच्छा, कामोन्माद (orgasm), लगातार दर्द और आवर्तक समस्याओं का सामना करना पड़े तो इसे चिकित्सकीय रूप से यौन रोग के नाम से जाना है।
यौन संबंध स्थापित करते हुए साथी के साथ विश्वास, सेक्सुअल क्रिया, स्वस्थ जीवन शैली, कामोन्माद (orgasm) की प्राप्ति, एक मजबूत संबंध होने के साथ-साथ कई ऐसी चीजों का होना जरूरी होता है जिससे यौन क्रिया का पूरा आनंद लिया जा सके। अगर इन सभी में कोई भी घटक नहीं होता तो साथी को सेक्सुअल रूप से संतुष्ट नहीं किया जा सकता।
यौन या सेक्स रोग की यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों को हो सकती है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक यौन सबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को होने वाली सेक्स समस्या कुछ समय से लेकर उम्र भर तक भी साथ रह सकती है। महिलाओं को होने वाली यौन समस्या या रोग जीवन भर में किसी भी समय हो सकता है, जिसकी वजह से महिलाओं को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
अक्सर देखा गया है महिलाओं को होने वाली सेक्सुअल समस्याओं यानि यौन संबंधित समस्याओं के बारे में बहुत ही कम जानकारी होती है। इनकी वजह से उन्हें लंबे समय तक इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसकी वजह से उन्हें और भी कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसमे त्वचा रोग और कमजोरी आम है।
इस लेख में हम महिलाओं में होने वाले यौन रोगों के बारे में विस्तार से बात करेंगे। हम लेख जानेंगे कि महिलाओं को यौन रोग क्यों होते हैं, इसके लक्षण क्या है और इसका उपचार कैसे किया जा सकता है।
महिलाओं में सेक्स सबंधित रोग के क्या कारण है? What are the causes of sex related diseases in women?
महिलाओं को होने वाले सेक्स रोगों के कारण को दो भागों में बांटा जा सकता है, पहला शारीरिक और दूसरा मनोवैज्ञानिक। इन दोनों ही कारणों के चलते किसी भी महिला को जीवन भर में किसी भी समय में यौन रोग हो सकता है। चलिए इस बारे में विस्तार से जानते हैं :-
महिलाओं में सेक्स रोग के मनोवैज्ञानिक कारण :
शारीरिक या यौन शोषण – अगर कोई व्यक्ति पहले किसी शारीरिक या यौन शोषण से जूझ चूका है तो उन्हें सेक्स करने के दौरान डर रहता है, जिसकी वजह से वह सेक्स संबंधित समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है। यह स्थिति महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा होती है, क्योंकि जीवन में कभी न कभी महिलाओं को यौन शोषण का सामना करना पड़ता है।
पार्टनर से नाखुश – काफी बार देखा गया है कि महिलाओं को अगर अपना पार्टनर पसंद न आए तो उसकी वजह से भी वह सेक्स संबंधित समस्याओं का सामना कर सकती है। इसमें अगर पुरुष महिला को चरमसुख नहीं दिला पता तो भी महिला को पार्टनर के साथ संबंध स्थापित करने की इच्छा नहीं होती।
डिप्रेशन – जब कोई डिप्रेशन से जूझता है तो उसकी वजह से व्यक्ति की उन सभी चीजों में रूचि खत्म होने लगती है जिसमे पहले उसका मन लगता था, इसमें सेक्स भी शामिल है। पुरुषों में डिप्रेशन होने पर शीघ्रपतन की समस्या हो सकती है वहीं महिलाओं को सेक्स करने की इच्छा ही नहीं होती।
तनाव – घर, काम, संपत्ति या किसी भी चीज़ का तनाव होने पर सेक्स का आनंद लेने पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है। इस संबंध में हुए अध्यनों की माने तो तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का शरीर में स्तर बढ़ने से सेक्स ड्राइव कम हो जाता है।
महिलाओं में सेक्स रोग के शारीरिक कारण :
स्त्री रोग होने पर – अगर कोई महिला लगातार एंडोमेट्रियोसिस, डिम्बग्रंथि के सिस्ट, गर्भाशय फाइब्रॉएड और योनिशोथ जैसे रोगों से जूझ रही है तो उन्हें सेक्स करने के दौरान दर्द होगा और इससे उनको सेक्स रोग बढ़ जाएँगे। वैजिनिस्मस (Vaginismus) होने पर महिलाओं को सबसे ज्यादा यौन रोग होते हैं, यह एक ऐसी स्थिति जो योनि की मांसपेशियों में ऐंठन का कारण बनती है, संभोग को असहज भी कर सकती है।
हार्मोनल परिवर्तन – महिलाओं में सबसे ज्यादा हार्मोनल परिवर्तन होता है जिसकी वजह से उन्हें सेक्स संबंधित रोगों का ज्यादा सामना करना पड़ता है। शरीर में हार्मोनल परिवर्तन या असंतुलन होने पर महिला को योनि में सूखापन या योनि शोष जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन दोनों ही रोगों के कारण महिला को सेक्स होने के कारण दर्द हो सकता है। कम एस्ट्रोजन का स्तर भी जननांगों में भावना को कम कर सकता है। रजोनिवृत्ति, सर्जरी और गर्भावस्था हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकती है।
रक्त प्रवाह विकार – अगर रक्त वाहिकाओं के ठीक से काम न करने पर महिला के प्रजनन प्रणाली के कुछ हिस्सों में रक्त के प्रवाह ठीक से न हो तो उन्हें सेक्स रोग हो सकता है। योनि (vagina), भगशेफ (clitoris) और लेबिया (labia) को कामोत्तेजना के लिए रक्त के प्रवाह में वृद्धि की जरूरत होती है, लेकिन ऐसा न होने की वजह से महिला को यौन रोग का सामना करना पड़ता है।
दवाएं और उपचार – काफी बार कोई विशेष दवा लेने से महिला को सेक्स संबंधित रोग हो सकता है, जिसकी वजह से योनी में भी समस्याएँ हो सकती है। डायलिसिस, कीमोथेरेपी और अन्य कैंसर उपचार होने के कारण महिलाओं को ज्यादा यौन संबंधित रोगों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा एंटीडिप्रेसेंट, रक्त पतला करने वाली दवाओं, सूजन दूर करने वाली दवाओं और चयनात्मक सेरोटोनिन अपटेक इनहिबिटर – selective serotonin uptake inhibitor (SSRI) दवाओं की वजह से महिलाओं को सेक्स संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
विशेष स्वास्थ्य स्थितियां – कई स्वास्थ्य स्थितियां सेक्स का आनंद लेने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। इनमें मधुमेह, गठिया, मल्टीपल स्केलेरोसिस और हृदय रोग शामिल हैं। नशीली दवाओं की लत या शराब ज्यादा पीने से भी महिला को यौन रोग हो सकता है।
महिलाओं को सेक्स रोग होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? What symptoms do women see when they have sex dysfunction?
अगर कोई महिला सेक्स के दौरान निम्न वर्णित समस्याओं से जूझ रही है तो उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि उन्हें सेक्स रोग हो चूका है। महिला को सेक्स समस्या होने पर यह लक्षण दिखाई देते हैं :-
सेक्स के दौरान दर्द होना – अगर कोई महिला सेक्स के दौरान दर्द को अनुभव करती है तो यह योनि के सूखेपन या यह डिम्बग्रंथि के सिस्ट या एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण हो सकता है। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से बात करें।
उत्तेजना संबंधी समस्याएं – अगर किसी महिला का साथी शीघ्रपतन या स्तंभन दोष से न झुझते हुए भी महिला को सेक्स के दौरान उत्तेजित न कर पाए या उसे चरमसुख की प्राप्ति न करवा पाए तो यह भी सेक्स संबधित रोग का लक्षण हो सकता है। महिला को यह समस्या रजोनिवृत्ति, मूड परिवर्तन, सेक्स के दौरान सूखापन या दर्द का अनुभव करने के कारण हो सकती है।
सेक्स की कम इच्छा होना – अक्सर जब महिला रजोनिवृत्ति की ओर बढ़ती हैं तो उनमे सेक्स हार्मोन में गिरावट आने लगती है जिसकी वजह से उनकी कामेच्छा (libido) कम होने लगती है। लेकिन कम इच्छा केवल वृद्ध महिलाओं के लिए एक समस्या नहीं है, बल्कि तनाव और यौन शौषण के कारण अब यह समस्या कम उम्र की महिलाओं में भी देखि जा रही है। इसके अलावा जो महिलाऐं मधुमेह और उच्च रक्तचाप से जूझ रही है उन्हें भी यह समस्या हो सकती है। साथ ही साथ जो महिलाएं एंटीडिप्रेसेंट, हार्मोनल गर्भनिरोधक जैसी दवाएं लेती हैं उन्हें भी यह समस्या हो सकती है।
योनि का सूखापन – अगर कोई महिला योनि में सूखेपन को महसूस करती है तो यह भी सेक्स रोग का लक्षण हो सकता है। महिला को योनि का सूखापन स्तनपान या रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों के परिणामस्वरूप हो सकता है जो कि कुछ समय के लिए होता है, लेकिन अगर इस ओर ध्यान न दिया जाए तो यह उम्र भर भी रह सकता है।
महिलाओं में सेक्स रोग के जोखिम कारक क्या है? What are the risk factors for sex dysfunction in women?
निम्नलिखित कुछ ऐसे जोखिम कारक है जिनकी वजह से महिलाओं में यौन रोगों को बढ़ा सकते हैं :-
डिप्रेशन या चिंता
हृदय और रक्त वाहिका रोग
अनियमित मासिक धर्म
एंटीडिप्रेसेंट या उच्च रक्तचाप की दवाएं
भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक तनाव
यौन शोषण का इतिहास
तंत्रिका संबंधी स्थितियां
स्त्री रोग संबंधी स्थितियां या रोग
रीढ़ की हड्डी में चोट या मल्टीपल स्केलेरोसिस
महिलाऐं में सेक्स रोग से कैसे छुटकारा पाएं? How to get rid of sexual dysfunction in women?
अगर आप किसी भी सेक्स रोग से जूझ रही है तो सबसे पहले उस बारे में अपने साथी से बात करें और जल्द से जल्द चिकित्सक से उपचार लेना शुरू करें। आप इस दौरान यह भी सुनुचित करें कि आपको सेक्स रोग होने के पीछे का कारण क्या है? क्या यह मनोवैज्ञानिक कारण है या शारीरिक कारण? आप इसके लिए किसी महिला रोग विशेषज्ञ या सेक्सोलॉजिस्ट (Sexologists) से उपचार ले सकती है। दवाओं के साथ-साथ आप सेक्स रोग से जल्द छुटकारा पाने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपना सकती है :-
कामोत्तेजना तकनीक – आप सेक्स के दौरान तरह-तरह के उपाय और मुद्राओं को अपना सकती है, जिससे कामोत्तेजना को बढ़ाया जा सके। आप सीके लिए कामुक सामग्री sex toys (यौन उत्तेजना उपकरण, वीडियो या किताबें), मालिश या हस्तमैथुन भी आज़मा सकते हैं।
परामर्श – अगर आपकों मनोवैज्ञानिक कारणों के चलते सेक्स संबंधित समस्या हो रही है तो आप इस बारे में किसी विशेषज्ञ से बात कर सकती है या अपने साथी को इस बारे में बताएं।
हार्मोन थेरेपी – आपके लक्षणों के आधार पर, आपका प्रदाता सामयिक क्रीम, योनि से प्रशासित दवाओं या मौखिक रूप से ली गई या आपकी त्वचा पर लगाए जाने वाले हार्मोन की सिफारिश कर सकता है।
दर्द प्रबंधन – संभोग के दौरान दर्द को कम करने के कई तरीके हैं। आप सेक्स से पहले विभिन्न यौन स्थितियों, योनि स्नेहक या विश्राम तकनीकों की कोशिश कर सकते हैं।
Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.
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