बच्चों को संतरा कब और क्यों खिलाएं | Orange For Babies In Hindi

बच्चों को संतरा कब और क्यों खिलाएं | Orange For Babies In Hindi

हम सभी इस बारे में जानते हैं कि संतरा खाना हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिसकी वजह से हाल के दिनों में काफी खाया जाता है। अब बड़े लोग तो बड़ी आसानी से संतरा किसी भी समय खा सकते हैं। लेकिन अब बात आती है उन बच्चों की जो कि अभी बहुत छोटे हैं उन्हें संतरा कब खिलाया जा सकता है और इससे उन्हें क्या वहीं फायदे मिलेंगे जो कि बड़े लोगों को मिलते हैं। ऐसे और भी कई सवाल है जिनके जवाब अक्सर नए माता-पिता खोजते हैं। तो चलिए इस लेख के जरिये संतरे से छोटे बच्चों को मिलने वाले फायदों के बारे में जानते हैं और कुछ खास सवालों के जवाब ढूँढ़ते हैं।  

कितनी उम्र के शिशु  संतरा खा सकते हैं? At what age can babies eat oranges? 

अगर आपके बच्चे की उम्र छः महीने से अधिक हो चुकी है तो आप उसे संतरा खिला सकते हैं। क्योंकि छः महीने तक की उम्र तक बच्चे को केवल माँ का दूध ही पिलाया है, इसलिए उन्हें कोई भी अन्य खाद्य उत्पाद नहीं देना चाहिए। 

छोटे बच्चे को संतरा कब खिलाना चाहिए इस बारे में मुख्य तौर पर दो मत है, पहला तो यह कि अगर शिशु की उम्र की छः माह से अधिक हो चुकी है तो उसे संतरा खिलाया जा सकता है या उसका ताजा जूस पिलाया जा सकता है। वहीं कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि क्योंकि छोटे बच्चों का पाचन तंत्र बहुत ही कोमल या कमजोर होता है तो ऐसे में उन्हें एक साल की उम्र से पहले संतरा नहीं दिया जाना चाहिए। इसके पीछे का तर्क है कि संतरे में काफी मात्रा में सिट्रस एसिड होता है जिसको छोटे बच्चों के लिए पचा पाना काफी मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा सिट्रस एसिड की वजह से शिशु को रैशेज की समस्‍या होने की संभवना भी बनी रहती है।

शिशुओं और बच्चों को संतरा क्यों देना चाहिए? Why should babies and toddlers be given oranges?

जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती है उसी के साथ बच्चे की दूध पर निर्भरता कम होने लगती है। शुरुआत में दूध से ही बच्चे को सभी जरूरी पौषक तत्व मिल रहे थे, लेकिन अब उम्र बढ़ने के साथ दूध शरीर की सभी पौषक जरूरतों को पूरा करने में समर्थ नहीं होता, तो ऐसे में बच्चे को अन्य खाद्य उत्पाद दिए जाने शुरू किये जाते हैं। 

वैसे तो बच्चे को बहुत सी चीज़े खाने के लिए दी जा सकती है, लेकिन संतरा अपने आप में खास है। संतरे के अंदर विटामिन और मिनिरल्स के अलावा और भी कई अन्य पौषक तत्व मौजूद होते हैं जो कि बच्चे को शारीरिक विकास करने में काफी सहायक हो साबित हो सकता है। संतरे में मौजूद विटामिन सी (vitamin C) आयरन (Iron) को एब्सॉर्ब (Absorb) कर अपनी खास भूमिका अदा करता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centre for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार शिशु के फिजिकल और मेंटल ग्रोथ के लिए विटामिन और मिनरल्स का सेवन करवाना जरूरी है। ऐसे में उन्हें रंग-बिरंगे सब्जियों और फलों का सेवन करवाया जा सकता है। ऐसी और भी कई अन्य शोध है जिसमें बच्चों के लिए संतरा काफी फायदेमंद साबित हुआ है।

शिशु और बच्चों को संतरा खिलाने से क्या फायदे होंगे? What are the benefits of feeding oranges to babies and toddlers?

हम सभी इस बारे में जानते हैं कि संतरा कितने पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है और साथ ही इससे हमारी सेहत को कितने सारे फायदे मिलते हैं। हमनें ऊपर भी संतरे से मिलने वाले कुछ पौषक तत्वों के बारे में भी जिक्र किया है। तो चलिए अब निचे जानते हैं कि संतरे से शिशुओं और बच्चों को क्या फायदे मिलते हैं :-

हड्डियां मजबूत करे Strengthen bones : 

हमें अपनी हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस की आवयश्कता होती है। इन सभी पौषक तत्वों की मदद से ही हमारी हड्डियाँ मजबूत है। शुरुआत में माँ के दूध से ही बच्चों को यह सभी पौषक तत्व मिलते रहते हैं, लेकिन इसके बाद इन सभी पौषक तत्वों की पूर्ति संतरे के माध्यम से की जा सकती है। संतरे के अंदर वो सभी पौषक तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद है जिनकी मदद से हड्डियों को मजबूत और विकास में मदद मिलती है। इतना ही संतरे सेवन से बच्चे से को हड्डियों से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों से भी बचाया जा सकता है। 

पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद Beneficial for the digestive system :

अक्सर कई बार बच्चों को पाचन से जुड़ी समस्याएँ हो जाती है, जैसे – कब्ज और अपच। इसके पीछे का मुख्य कारण है कि शिशुओं का और छोटे बच्चों का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता, जिसकी वजह से उनका पाचन तन्त्र ठीक से काम नहीं कर पाता। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में कांस्टिपेशन समस्या सामान्य है। पाचन से जुड़ी दो मुख्य समस्याएँ अपच और कब्ज है जिनको संतरे से दूर किया जा सकता है। संतरे में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो कि पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज के साथ अपच जैसी पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने का काम करता है। फाइबर स्टूल को नरम बनाकर मल त्याग की प्रक्रिया को सरल करता है, जिससे कब्ज की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है। इतना ही नहीं, संतरा खाने से भूख में भी वृद्धि होती है। 

इम्यून सिस्टम को बढ़ाएं boost immune system :

जिस तरह बच्चों का पाचन तंत्र काफी कमजोर होता है ठीक उसी प्रकार बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम भी काफी कमजोर होता है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से बच्चे अक्सर बहुत जल्दी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, जैसे – सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार और नमुनिया और  ऐसी ही और भी बहुत सी समस्याएँ। ऐसे में अगर बच्चे को माँ के दूध (अगर बच्चा माँ का दूध लेता है या बोतल से दूध लेता है) के साथ-साथ संतरा भी दिया जाए तो ऐसे में उसका इम्यून सिस्टम काफी तेजी से मजबूत होता। दरअसल, संतरे में विटामिन सी,  विटामिन ए काफी अच्छी मात्रा में मिलता है और साथ ही एंटी-ऑक्सीडेंट भी काफी प्रचुर मात्रा में मिलता है। यह सभी पौषक तत्व मिलकर (जिसमें विटामिन सी सबसे अहम भूमिका निभाता है) इम्यून सिस्टम मजबूत करता है। अगर शिशु का शुरुआत में ही इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाए तो ऐसे में उन्हें कई सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है, जिसमें टाइफाइड भी शामिल है। 

एनीमिया की समस्या दूर करे Cure anemia problem :

बहुत से बच्चों को कई बार एनीमिया की समस्या का सामना करना पड़ जाता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर में जरूर के हिसाब से पौषक तत्वों की पूर्ति नहीं हो पाती। ऐसे में अगर बच्चों को संतरा दिया जाए तो उनकी एनीमिया की समस्या दूर हो सकती है। दरअसल, संतरे में विटामिन ए, विटामिन सी और आयरन भरपूर मात्रा में मिलता है। यह सभी पौषक तत्व लाल रक्त कोशिकाओं (Red blood cells) को बनाने में और मजबूत करने में मदद करते हैं, जिससे एनीमिया की समस्या दूर होती है। 

निर्जलीकरण से बचाव करे  Prevent dehydration :

बच्चों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है, ऐसा कई कारणों से हो सकता है जैसे – कम पानी पीना, बार-बार बीमार पड़ना, उलटी-दस्त की समस्या आदि। ऐसे में अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो रही है तो ऐसे में उन्हें ओआरएस घोल, माँ का दूध के साथ-साथ संतरा भी दिया जा सकता है। संतरे में एक तरफ कई पौषक तत्व मिलते ही है साथ ही इसमें काफी अच्छी मात्रा में पानी भी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी दूर होती है। 

क्या शिशु और बच्चों को संतरा देने से कोई नुकसान हो सकता है? Can eating oranges cause any harm to babies and toddlers? 

हाँ, संतरे से न केवल फायदे मिलते हैं बल्कि इससे कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। अगर आप अपने बच्चे को संतरा खाने के लिए देते हैं तो आपको निम्नलिखित कुछ खास बिन्दुओं को ध्यान में जरूर रखें :-

  1. बच्चों को संतरा केवल दिन के समय में ही देना चाहिए। अगर बच्चे को सर्दी, जुखाम या बुखार की समस्या है या अन्य कोई बीमारी है तो ऐसे में डॉक्टर की सलाह से ही संतरा दें। 

  2. ठण्ड के मौसम में बच्चों को संतरा नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे वह बीमार हो सकते हैं। 

  3. संतरे में काफी मात्रा में एसिडिक प्रॉपर्टीज मौजूद होती है जिसकी वजह से इसका ज्यादा सेवन करने से साइन में जलन की समस्या हो सकती है। ऐसे में बच्चे को कुछ समस्याएँ हो सकती है।  

  4. शिशुओं का पेट बड़ों के मुकाबले में काफी छोटा है और इसकी वजह से उनका पेट काफी जल्दी भरता है। तो ऐसे में बच्चों को संतरे के साथ-साथ बाकी अन्य पदार्थ भी संतुलन में देने चाहिए। 

  5. संतरे में विटामिन ए की मौजूदगी शिशु की सेहत के लिए लाभकारी होने के साथ-साथ अगर इसकी मात्रा ज्यादा हो जाए तो शिशु को मतली या सिरदर्द जैसी तकलीफें हो सकती है।

  6. संतरा फाइबर से समृद्ध होता है और अधिक मात्रा में फाइबर का सेवन अपच, पेट में ऐंठन और दस्त का कारण बन सकता है। वहीं, कम मात्रा में आहार के रूप में लिया गया फाइबर गैस या दस्त को कम करने में मदद कर सकता है। 

  7. शिशु को संतरे से नुकसान ना हो इसलिए संतुलित मात्रा में सेवन करवाएं।

  8. बच्चों को संतरा पूरा पका हुआ ही देना चाहिए और ध्यान रहे कि बच्चों को संतरे के रेशे नहीं देने चाहिए।

शिशु और बच्चों को संतरा कैसे दिया जा सकता है? How can oranges be given to babies and toddlers? 

अगर आप अपने बच्चे को संतरा देते हैं तो आप अपने बच्चे को निम्नलिखित प्रकार से संतरा दे सकते हैं :-

  1. संतरे को छिलकर उसके बीज निकाल लें और संतरे के एक स्‍लाइस को दो या तीन टुकड़ों में काट दें। 

  2. बच्‍चे को मीठा संतरा ही खिलाएं। अगर संतरा खट्टा है तो उसे बच्चों को न दें।

  3. बच्चों को मार्केट में मिलने वाले बोतल बंद संतरे का जूस या पल्‍प नहीं देना चाहिए। इनमें स्‍वाद को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए कई तरह के प्रिजर्वेटिव्‍स का इस्‍तेमाल किया जाता है। घर पर ही संतरे का ताजा जूस निकाल कर बच्‍चे को दे।

  4. बच्चो को संतरा देने से पहले संतरे के बीच और रेशे को अच्छी तरह से निकाल कर ही देना चाहिए।

  5. शिशु को संतरे के छोटे-छोटे टुकड़े ही खिलाने चाहिए, क्योंकि बच्चों से ज्यादा बड़े टुकड़े नहीं खाए जा सकते।

  6. शिशु को संतरा खिलाने से पहले खुद एकबार खाकर देख लें, ताकि इससे पता चल जाए कि संतरा अच्छे से पका हुआ है या नहीं या कोई अन्य समस्या तो नहीं है।

  7. बच्चों को हमेशा संतुलित मात्रा में संतरे का सेवन करवाएं।

  8. अगर शिशु को संतरे के सेवन से नुकसान पहुंचता है, तो उन्हें इसका सेवन ना करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। 

आप अपने बच्चे को सीधे संतरा भी दे सकते हैं या फिर उसका ताज़ा जूस भी दे सकते हैं। ध्यान रहे कि बच्चों को हमेशा तजा जूस ही देना चाहिए।

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Mr. Ravi Nirwal

Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.

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