गर्भनिरोधक क्या है? | Contraception in Hindi

आकड़ों की माने तो दुनिया भर की जनसंख्या 800 करोड़ के करीब पहुँच चुकी है और यह आकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ जहाँ जनसंख्या बढ़ रही है वहीं हमारे पास मौजूद संसाधन कम होते जा रहे हैं। ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण काफी जरूरी है ताकि वाले समय में जनसंख्या विस्पोट के चलते होने वाली समस्याओं से बचा जा सके। जनसंख्या वृधि, जिसे आजकल जनसंख्या विस्पोट शब्द से परिभाषित भी किया जाने लगा है इसे गर्भनिरोधक की मदद से कम किया जा सकता है। मौजूदा लेख में गर्भनिरोधक के विषय में काफी जानकारी दी है, जिसमें गर्भनिरोधक के प्रकार विशेष हैं। 

गर्भनिरोधक क्या है? What is contraception?

गर्भनिरोधक, जिसे जन्म नियंत्रण के रूप में भी जाना जाता है गर्भावस्था को रोकने के लिए एक तरीका है जिसमें दवाओं, उपकरणों या सर्जरी का उपयोग किया जाता है। गर्भावस्था को रोकने के लिए कई तरीके होते हैं जिसमें कुछ प्रतिवर्ती (reversible) हैं, जबकि अन्य स्थायी होते हैं। गर्भनिरोधक न केवल अनचाहे बच्चे के जन्म से बचाते हैं बल्कि यौन संबंधित संक्रमण (sexually transmitted infections) और रोगों के खतरे से भी बचाव करते हैं। 

क्या गर्भनिरोधक यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) को रोकते हैं? Do contraceptives prevent sexually transmitted infections (STIS)? 

केवल कंडोम और आंतरिक कंडोम ही एसटीआई (STIS) के साथ-साथ गर्भावस्था से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसलिए हर बार जब आप सेक्स करते हैं तो कंडोम (हर बार नया) का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि एसटीआई (STIS) और अनचाही गर्भावस्था से बचा जा सके। कंडोम के आलावा अन्य गर्भनिरोधक विधियां केवल गर्भावस्था से बचाती हैं, न कि संक्रमण से। 

गर्भनिरोधक के कितने तरीके हैं? How many methods of contraception are there?

निम्नलिखित 15 तरीके हैं जो कि गर्भनिरोधक के रूप में प्रयोग किये जाते हैं :-

  1. टोपि (cap)

  2. संयुक्त गोली (combined pill)

  3. कंडोम (स्त्री।)

  4. कंडोम (पुरुष)

  5. गर्भनिरोधक प्रत्यारोपण (contraceptive implant)

  6. गर्भनिरोधक इंजेक्शन

  7. गर्भनिरोधक पैच (contraceptive patch)

  8. डायफ्राम (diaphragms)

  9. अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (आईयूडी)  (intrauterine device (IUD)

  10. अंतर्गर्भाशयी प्रणाली (आईयूएस) (intrauterine system (IUS)

  11. प्राकृतिक परिवार नियोजन (natural family planning)

  12. केवल-प्रोजेस्टोजन गोली (progestogen-only pill)

  13. योनि की रिंग (vaginal ring)

गर्भनिरोधक के 2 स्थायी तरीके हैं:

  1. महिला नसबंदी

  2. पुरुष नसबंदी (male sterilisation (vasectomy)) 

इन तरीकों के अलावा आप ओरल सेक्स और गुदा सेक्स की मदद से भी गर्भवस्था को रोक सकते हैं। 

आपातकालीन गर्भनिरोधक क्या है? What is emergency contraception? 

आपातकालीन गर्भनिरोधक जन्म नियंत्रण का एक नियमित तरीका नहीं है। लेकिन असुरक्षित संभोग के बाद या कंडोम के फटने पर गर्भधारण को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके निम्नलिखित दो प्रकार हैं :-

  1. कॉपर आईयूडी (Copper IUD), यह एक छोटा, टी-आकार का उपकरण है जिसे एक डॉक्टर असुरक्षित संभोग के 120 घंटों के भीतर महिला के शरीर में सम्मिलित करता है।

  2. आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां (ईसीपी) (Emergency contraceptive pills (ECPs), यह हार्मोनल गोलियां हैं जिन्हें महिला असुरक्षित संभोग के बाद जितनी जल्दी हो सके लेती है। इन दवाओं की मदद से गर्भ ठहरता नहीं है।  

गर्भनिरोधकोण के बारे में भारत में क्या स्थिति है? How contraceptions are perceived in India?

अन्य देशों की भांति वैसे तो गर्भनिरोधक उपाय भारत में भी बड़ी आसानी से लोगों की पहुँच में हैं। लेकिन यहाँ बड़े स्तर पर गर्भनिरोधक सेवाएं गोपनीय हैं। देखा जाए तो यदि आप 16 वर्ष के हैं तो आप गर्भनिरोधक सेवाएँ लेने के लिए परिपक्व माने जाते हैं। लेकिन भारत में गर्भनिरोधक की मांग काफी कम हैं क्योंकि लोग इस बारे में बात करने में शर्माते हैं। इतना ही नहीं लोग कंडोम खरीदने में भी झिझक महसूस करते हैं। इसके पीछे एक ही मूल कारण है “सेक्स से जुड़ी कम जानकारी”। 

भारत में बच्चों को सही उम्र में सेक्स से जुड़ी सही जानकारी नहीं दी जाती जिसकी वजह से हमेशा इस विषय में बात करने में झिझक महूस करते हैं और फिर सेक्स संबंधित रोगों की चपेट में आ जाते हैं। इतना ही नहीं, महिलाओं को भी गर्भनिरोधक दवाएं लेने के बारे में ज्यादा जानकारी है, जिसके चलते उन्हें कई गंभीर रोगों का सामना करना पड़ सकता है जिसमें बांझपन सबसे गंभीर समस्या है। महिलाओं द्वारा ली जाने वाली कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स दो प्रकार की होती है एक नॉर्मल और दूसरी इमरजेंसी। जानकारी के अभाव में महिलाएं अक्सर इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करती है जिसकी वजह से गंभीर साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ता है। इसलिए कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार की दवा लेने से बचना चाहिए। 

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