गर्भावस्था के दौरान कोविड – 19 से बचाव में किन बातों का रखें ध्यान ?

Published On: 13 Jun, 2020 3:10 PM | Updated On: 12 Nov, 2024 6:04 PM

गर्भावस्था के दौरान कोविड – 19 से बचाव में किन बातों का रखें ध्यान ?

कोविड -19 का असर इतना तेज़ और प्रभावी है कि कोई भी व्यक्ति चाहे वो किसी भी स्थिति में हो, अब इससे नहीं बच सकता और यही वजह है कि अब उन महिलाओं पर भी इसका असर देखा जा रहा है जो गर्भावस्था के दौर से गुज़र रही हैं । 

आजकल डॉक्टर और गायनैकॉलजिस्ट के पास हज़ारों की तादाद में फोन कॉल्स आ रहे हैं । कईं डॉक्टर तो वीडियो के ज़रिए रोगियों की समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं । इन्हीं में एक है – डॉ. सुनिता चंद्रा । 

डॉ. सुनिता पिछले 25 सालों से गायनैकॉलजिस्ट और इनफर्टीलिटी स्पेश्लिस्ट के तौर पर कार्यरत हैं । वह बता रही हैं कि आजकल हमारे पास ऐसी बहुत सी महिलाओं के फोन आ रहे हैं जो गर्भवती हैं या होना चाहती हैं और उनके मन में कईं प्रकार की शंकाएं हैं और कोरोना वायरस ने उनकी शंका को चिंता में बदल दिया है । 

डॉ. सुनिता चंद्रा ने उन सभी सवालों के जवाब इस वीडियो में देने का प्रयास किया है –

क्या गर्भवती महिलाओं को कोविड पॉजीटिव होने का खतरा ज्यादा है ?

नहीं, ऐसा नहीं है परंतु जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसकी इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है तो ऐसे समय में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता तो है । फिर आपको यह भी ध्यान होना चाहिए कि ऐसी महिला के पेट में एक गर्भ भी है जो सांस ले रहा है, तो ऐसे में सभी गर्भवती महिलाओं को अपनी स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना है । हाथों को हमेशा साफ रखना है, मास्क लगाए रहना है और चेहरे पर किसी भी प्रकार का स्पर्श नहीं होने देना है । यदि कोई लक्षण महसूस हों तो फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें ।

क्या गर्भवती महिलाओं को बार-बार चैक-अप के लिए अस्पताल आना ज़रुरी है ?

नहीं, महिलाओं को अस्पताल आने की कोई ज़रुरत नहीं है । यदि महिला की गर्भावस्था पहली तीन तिमाई वाली है, तो जिन दवाओं की आवश्यकता है उन्हें अपने डॉक्टर से टेलीकंसल्टेशन या वीडियो कंसल्टेशन करके पूछ सकते हैं । जैसे – फॉलिक एसिड या उल्टी दस्त लगने पर दी जाने वाली दवा । हां, एक अल्ट्रासाउंड 7 से 8 महिनों में होना बेहद ज़रुरी होता है क्योंकि इसे पता चलता है कि गर्भ यूट्रस के अंदर है या बाहर और ठीक तरह से बढ़ रहा है या नहीं । 

उसके बाद अगला चैक-अप 13 हफ्तों के बाद होता है जिसे एंटी एन बी स्कैन और डबल मार्क कहते हैं । यह एक बहुत महत्वपूर्ण समय होता है जब आपको अस्पताल जाना ही पड़ेगा । इसके बाद लेवल 2 पर सोनोग्राफी की जाती है, जो 18 से 20 हफ्तों के बीच में होती है, उसके बाद तीसरा चैक-अप 28 हफ्तों में, उसके बाद 34 से 35 हफ्तों में, जब आपको ज़रुरत महसूस हो । 

इस समय के दौरान आप अपने डॉक्टर से व्ट्स एप, वीडियो कंसल्टेशन के ज़रिए संपर्क में आकर बात कर सकते हैं । गर्भावस्था में टीकाकरण बेहद ज़रुरी है और उसके लिए डॉक्टर आपको सुझाव देगा । बार-बार अस्पताल आना ज़रुरी नहीं लेकिन संपर्क में रहना ज़रुरी है ।

यदि महिला गर्भवती है और अनजाने में किसी कोविड पॉजीटिव व्यक्ति के संपर्क में आ गई तो खतरा अधिक है क्या ?

ऐसी स्थिति में घबराने वाली कोई बात नहीं है । ऐसे में दो तरह की स्थितियां हो सकती हैं, पहली यह को जो कोविड पॉजिटिव हैं, उनमें लक्षण हैं या नहीं । यदि वह लक्षण वाला नहीं भी है तब भी आपको अपना कोविड टेस्ट कराना है और 14 दिन के क्वारंटिन में जाना है और अगर लक्षण वाला है, तब भी टेस्ट कराना बहुत आवश्यक है । अगर टेस्ट नेगेटिव भी निकलता है तो आप 14 दिन के सेल्फ क्वारंटिन में रहिए । डॉक्टर से लगातार संपर्क बनाए रखिए और जितना हो सके अपना ख्याल रखिए । 

ऐसा नहीं है कि अगर कोविड पॉजीटिव है तो लक्षण दिखेंगे, लेकिन फिर भी आपको अस्पताल ले जाया जाएगा और लेवल 1, 2 और 3 के हिसाब से आपको 4 से 5 दिन अस्पताल में रखा जाएगा, जहां आपको कोरोना टेस्ट किया जाएगा और यदि 24 घंटे के अंदर आपके दो टेस्ट नेगेटिव आ गए तो आपको डिस्चार्ज कर दिया जाएगा । महिला के साथ उसके पति और उसके संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति का टेस्ट होगा । ऐसा नहीं है कि कोरोना पॉजिटिव होने पर स्थिति पैनिक हो जाएगी लेकिन आपको हमेशा अपने डॉक्टर के परामर्श पर ही चलना है । 

अगर माता-पिता कोविड पॉजिटिव हैं तो क्या गर्भ पर इसका प्रभाव पड़ेगा ?

कोरोना वायरस के आने के बाद ऐसे जितने भी केस आए हैं उन सबकी रिपोर्ट इस बात से इनकार करती है । मां-बाप के कोविड पॉजिटिव होने का गर्भ के शिशु पर किसी प्रकार का कोई इंफेक्शन नहीं पड़ता । अभी दो ऐसे मामले सामने आए जिनमें शिशुओं को कोविड था परंतु वह दोनों ही रिकवर कर गए । यह बीमारी बहुत कम दिन की है, इसलिए इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता पर हां, सावधानी सबसे उत्तम है । अभी तक जितनी भी महिलाओं ने शिशुओं को जन्म दिया, वह सभी कोविड के खतरे से बाहर हैं । 

क्या कोविड की वजह से बच्चा ऑपरेशन के ज़रिए ही होगा ?

ऐसा बिल्कुल नहीं हैं । डब्लूएचओ के अनुसार आप अपने डॉक्टर से संपर्क कीजिए, वही आपको सबसे बेहतर तरीके से बता सकता है कि डिलीवरी कैसी होगी । कोविड के कारण डिलीवरी सिर्फ ऑपरेशन से होगी, यह गलत है । परंतु यदि किसी प्रकार की इमरजेंसी है तो बच्चा ऑपरेशन के ज़रिए हो सकता है ।

क्या कोविड पॉजीटिव महिलाएं शिशु को स्तन का दूध पिला सकती हैं ?

जी, बिल्कुल पिला सकती हैं । मां को हमेशा इस बात का ध्यान रखना है कि हमेशा मास्क लगाए रहना है । अपने हांथों और चेहरे की स्वच्छता का बहुत ध्यान रखना होगा । बच्चे को जितनी बार स्पर्श करें हमेशा उससे पहले हाथों को धोएं । इस बात का पूरा ध्यान रखें कि बच्चे के ऊपर किसी प्रकार की छींक या खांसी की ड्रॉपलेट न जाने पाए क्योंकि इसी से इंफेक्शन फैलता है । अगर आप मास्क लगाए रखते हैं, हाथों को साफ रखते हैं तो शिशु को दूध पिला सकते हैं । 

कोविड -19 से गर्भवती महिलाओं को घबराने की आवश्यकता नहीं है, परंतु जागरुक और सचेत रहने की आवश्यकता ज़रुर है । अपने डॉक्टर के लगातार संपर्क में रहें और उसके बातए सुझावों का पालन करते रहें । 

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Dr. Sunita Chandra

Dr. Sunita Chandra specialized in Obstetrics and Gynaecology and subsequently pursued her career in infertility management. Currently shes is Director of Morpheus Lucknow Fertility Center & Rajendra Nagar Hospital & IVF Center, Lucknow and advanced infertility and Human Reproductive Endocrinology at Bad Münder, Germany. Dr. Sunita Chandra has been practicing assisted reproductive techniques for the last 25 years and has patient following far and wide. She did her MBBS from KGMU, Lucknow in 1987. Dr. Sunita Chandra completed her MD in Obst & Gyneac in 1991 followed by Residencyship from 1991-1992.

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