कोरोना पॉजिटिव होने पर क्या करें - Day 1

 

Day-1 

पहली स्थिति है डे जीरो या डे वन की यानि प्रारंभ की स्थिति, जिसमें आपको ये लग सकता है कि मैं कोरोना संक्रमित हो गया हूं या मैं कोरोना संक्रमित हूं या मुझे कोरोना होने की संभावना है। किसी व्यक्ति के संपर्क में आने पर आपको स्वयं के कोरोना संदिग्ध होने का संदेह हो सकता है वहीं संभावित कोरोना का मतलब हुआ कि आप अभी तक कोरोना पॉजिटिव नहीं हुए हैं लेकिन आपके शरीर में कुछ पुराने लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके अलावा कन्फर्म का अर्थ है कि आप पूरी तरह से कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।

यदि आप अभी शुरुआती दौर में हैं और आपके पास सुविधाएं हैं तो आपको सबसे पहले एसी रिएक्टिव प्रोट्रीन की जांच करवाना है यह प्रति लीटर मिलीग्राम के रूप में प्राप्त होगा जो आपकी आधारभूत सीआरपी (CRP) बन जाएगा। इसके बाद सीबीसी टेस्ट करवाएं जिससे रक्त में मौजूद न्यट्रोफिल्स व लिम्फोसाइट का अनुपात मिल जाएगा। इसके साथ ही सीरम आईजीजी ( IGG) एंटीबॉडी की जांच करवाने के बाद आप आरटीपीसीआर या रैट यानि रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाएं। 

यदि आपका सीआरपी 10 से ज्यादा है तो आरटीपीसीआर जांच द्वारा यह जानकारी मिल जाएगी कि शरीर में वायरस प्रवेश कर चुका है इससे ये नहीं पता चल पाएगा कि वायरस कम मात्रा में है या अधिक मात्रा में।शरीर में वायरस कितना प्रभावी है इसके लिए जो जांच करवाई जाती है उसे सीआरपी कहते हैं।

यदि सीआरपी के 10 से ज्यादा होने का अर्थ है कि या तो आपको निमोनिया हो चुका है या शरीर में सिस्टेमिक इन्फ्लेमेशन हो चुका है। यदि आपका RTPCR पॉजिटिव है तो इसका मतलब आप कोरोना संक्रमित हैं। लेकिन इससे ये नहीं पता चलेगा कि कोविड था, है या आगे रहेगा। वहीं यदि आपका रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) निगेटिव है और RTPCR पॉजिटिव है, तो हो सकता है कि आप संक्रमित न हो। यदि आपके RTPCR जांच में ई जीन पॉजिटिव है लेकिन बाकी सारे जीन निगेटिव हैं तो यूके स्ट्रेन होना निश्चित है। बात करे सीटी की तो 10 से कम सीटी होने पर यूके स्ट्रेन होने की संभावना हो सकती है। 

डे वन के भीतर ही आप डॉक्टर से आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, कौल्चेसिन दवाइयां लिखवा लें और इसके बाद रिपोर्ट आने का इंतजार करें। इसके साथ ही डे वन में ही अपने आपको आइसोलेट कर लीजिए, अगर तीन-चार लोगों में एक साथ लक्षण नजर आएं तो वो एक साथ रह सकते हैं। यह बात भी ध्यान रखें कि CRP, CBC और सीरम आईजीजी एंटीबॉडी की जांच के बाद ही RTPCR व RAT करवाएं। अन्यथा RTPCR के इंतजार में हालत खराब हो सकती है। 


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