हर साल की तरह इस साल भी राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ये बीमारियां इतनी खतरनाक होती हैं कि सेहत पर गंभीर असर डालती हैं। पराली जलाना, निर्माणाधीन गतिविधियां, औद्योगिक रिलीज और वाहन से निकलते धुएं स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करती हैं। शुक्रवार सुबह-सुबह जब लोग उठे तो उन्हें हवा में किसी चीज के जलने की गंध साफ महसूस हो रही थी। आंखों में जलन भी महसूस हुई। शुक्रवार को कुछ जगहों पर एयर पलूशन खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। आनंदविहार में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच चुका है वहीं जहांगीरपुरी में 300 के पार। नोएडा समेत एनसीआर के बाकी शहरों में भी पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण का स्तर खराब बना हुआ है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए सरकार ने राजधानी में दीपावली पर पूरी तरह से पटाखों पर प्रतिबंद लगा दिया था। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि राजधानी में पटाखों का उत्पादन, भंडारण और बिक्री सजा योग्य अपराध है। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर 5000 हजार रुपए जुर्माना और 3 साल तक जेल की सजा हो सकती है।
दिल्ली में पटाखों पर लगी संपूर्ण रोक को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने इस दौरान कहा कि 'लोगों को साफ हवा में सांस लेने दें और अपने पैसे मिठाइयों पर खर्च करें।' इससे पहले आज ही दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर यह कहते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया कि मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
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