कैसे जानें, आपका कोविड रि इनफेक्शन है या नहीं,

  

आजकल लोग एक प्रश्न पूछ रहे हैं कि मेरा कोविड रि इनफेक्शन (पुन : संक्रमण)  है कि नहीं ? हम कैसे जानें कि हमें कोविड रि इनफेक्शन के साथ हुआ है। सबसे पहले 104 दिन के बाद में (पहले यह 90 दिन था अब आईसीएमआर ने इसे 104 दिन बोल दिया है) हमें दोबारा कोविड होता है पहले हमें कोरोना हुआ उसके बाद हमारी कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई और अब फिर हमें कोरोना हो गया तो इसे क्लिनिकली री- इनफेक्शन बोलेंगे।

होने को तो ये 104 दिन से पहले भी हो सकता है लेकिन उसके लिए फिर जीनोमिक स्टडी चाहिए। होने को तो 30 दिन में भी हो सकता है लेकिन क्लिनिकली अगर आपको कोरोना हुआ, आपका RTPCR या आपका रैपिड टेस्ट पहले पॉजिटिव था, फिर निगेटिव हुआ और अब फिर पॉजिटिव हो गया तो हम इसे री- इनफेक्शन बोलेंगे। ICMR के मुताबिक भारत में 4.5 फीसदी लोगों को री- इन्फेक्शन हुआ है।

री- इन्फेक्शन साधारणतय: म्यूटेंट वायरस से होता है। आज के समय में यूके, साउथ अफ्रीका, ब्राजील वाला वायरस दोबारा संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा ई जीन टारगेट फेलियर व भारत का डबल म्यूटेंट वाला वायरस भी दोबारा संक्रमित कर सकता है। री- इन्फेक्शन हल्का रहेगा या मध्यम रहेगा या गंभीर रूप से होगा, यह म्यूटेंट वायरस पर निर्भर करेगा। 

अक्सर हम लोग कहते हैं कि अगर एक बार कोविड हो गया तो गामा इंटरफिरॉन हमारे शरीर में किसी दूसरे वायरस को गंभीर नहीं होने देते। लेकिन ये वायरस तो ऐसा है जिसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

हालांकि इसमें गंभीर रूप से दोबारा संक्रमित होने के आसार कम हैं। सिर्फ दो या तीन उदाहरण ही ऐसे होंगे जहां पर री-इनफेक्शन से किसी की मृत्यु हुई हो। री- इनफेक्शन हल्का भी हो सकता है। ये पल्मोनरी कोविड हो सकता है या नॉन पल्मोनरी सिस्टेमिक इनफ्लेमेटरी कोविड भी हो सकता है। 

जिसमें आपको जीआई ट्रैक लूस मोशंस हो रहे हैं, आपकी आंख में, त्वचा में या शरीर पर कहीं भी जलन हो रही है तो इसे नॉन पल्मोनरी सिस्टेमिक इनफ्लेमेटरी कोविड कहते हैं।

जैसे ही री- इन्फेंक्शन हो, डी डायमर कराएं, सीआरपी, सीबीसी, RTPCR की सीटी वैल्यू और कई प्रकार के जीन टेस्ट करवाएं और लैब में पूछें कि ई- जीन टेस्ट करके उसे निगेटिव करके हमें निगेटिव रिपोर्ट तो नहीं दे दी गई है।

आज के समय में री- इनफेक्शन हो या प्राइमरी इन्फेक्शन, दोनों का उपचार एक है। हम ये नहीं कह सकते कि री- इन्फेक्शन संक्रामक नहीं हैं। री- इन्फेक्शन को भी प्राइमरी इन्फेक्शन की ही तरह लें।


Logo

Medtalks is India's fastest growing Healthcare Learning and Patient Education Platform designed and developed to help doctors and other medical professionals to cater educational and training needs and to discover, discuss and learn the latest and best practices across 100+ medical specialties. Also find India Healthcare Latest Health News & Updates on the India Healthcare at Medtalks