कोविड की बीमारी के पांचवें दिन को कभी भी अनदेखा न करें। आइए जानते हैं कि क्या है डे-5 की अवधारणा ? जब आपके शरीर में इनफ्लमेशन ( जलन-सूजन) होगी तो सीआरपी इसे चिन्हित करेगा। CRP आपके शरीर में 4 घंटे के अंदर बढ़ जाएगा, 36 से 48 घंटे के अंदर ये उच्च स्तर पर पहुंच जाएगा और 17 घंटे में नष्ट हो जाएगा यानि की चार दिन तक अगर आपके शरीर में कोई भी चोट, कोई भी सूजन रहती है तो सी-रिएक्टिव प्रोटीन नष्ट हो जाएगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसका मतलब हुआ कि या तो आपको बेसलाइन सिस्टेमिक इनफ्लमेशन था या आपका अभी का जो इनफ्लमेशन है वो चालू है।
इसलिए मैने एक मापदंड बनाया है, जिसके अनुसार आप पांचवें दिन यह सुनिश्चित करें कि आपका सीआरपी पांच मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है। इसके लिए आप गुणात्मक जांच कराएं। यदि गुणात्मक सीआरपी जांच निगेटिव आता है तो समझ जाइए कि पांचवे दिन तक आपका CRP निगेटिव है और यदि आपका गुणात्मक CRP निगेटिव है लेकिन मात्रात्मक सीआरपी 5 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है तो आप सुरक्षित हैं, आपको खतरा नहीं है।
यदि आपको 101 डिग्री फारेनहाइट से अधिक बुखार आ रहा है तो इसका मतलब है कि आपका इनफ्लमेशन बढ़ रहा है, आपका निमोनिया बढ़ रहा है और पांचवें दिन तक आपके शरीर में निमोनिया घर कर जाएगा। पांचवे दिन 6 मिनट का वॉक टेस्ट करें। यदि पांचवें दिन 6 मिनट के वॉक टेस्ट में आपका SPO2 स्तर कम होता जा रहा है तो इसका मतलब है निमोनिया बढ़ रहा है। इनफ्लमेशन वाला निमोनिया तीसरे दिन में नजर आएगा। अगर पांचवें दिन निमोनिया बढ़ना शुरू हो गया तो समझ लीजिए डी डायमर ने बढ़ना शुरू कर दिया और प्लेटलेट्स कम होने लगी हैं।
इस समय आपके शरीर में पॉलिमोर्फ्स बढ़ेंगे व लिंफोसाइट्स कम होंगे। सामान्य स्थिति में पांचवें दिन से लिंफोसाइट्स बढ़ते हैं और पॉलिमोर्फ्स कम होते हैं। लिंफोसाइट्स लगातार कम होने के कारण डी डायमर बढ़ेगा जिसके कारण प्लेटलेट्स की संख्या कम से कम 30 प्रतिशत तक कम पड़ जाएगी। अगर पांचवें दिन आपका निमोनिया जटिल हो रहा है तो यह क्लॉट (थक्के) वाला निमोनिया है।
तो याद रखिए अगर पांचवें दिन में आपका सीआरपी कम नहीं हो रहा, अभी भी 5 से ज्यादा है, बुखार 101 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा है, आपको ऐसा लग रहा है कि निमोनिया बिगड़ रहा है, पैदल चलने पर सांस फूल रही है व ज्यादा चल नहीं पा रहे हैं या SPO2 स्तर 4 से नीचे जा रहा है या लिंफोसाइट्स कम हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अधिकतर लोग पांचवें दिन तक गंभीर हो जाते हैं।
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